Rang

मैं वो रंग हूँ
जिसे लगाने पे तुम झूमे थे
मैं वो रंग हूँ
जिसे लगाने पे तुम झूमे थे
ये तब की बात है जिस रात तुम अधूरे थे
मैं वो रंग हूँ
मैं वो रंग हूँ

कितना आसान था
इस बिनाह पे हमें
छोड़ना तोड़ना
कि मैं लायक नहीं
कितना बेदर्द तू
तेरी बातें सभी
चीरती नोचती
हमको ऐ मतलबी

मैं वो ख़त हूँ
जिसे छुपाके जो तुम चूमें थे
मैं वो ख़त हूँ
जिसे छुपाके जो तुम चूमें थे
ये तब की बात है जिस रात तुम अधूरे थे
मैं वो रंग हूँ
मैं वो रंग हूँ

जब मिलोगे कभी
पूछ लूंगा तभी
क्या किसी भी तरह
की तलब तो नहीं?
बात इक और थी
तुम बताना कभी
क्या मैं बेकार था
या सबक तो नहीं?

मैं वो दिल हूँ
जो दिलकशी में न दिल देते थे
मैं वो दिल हूँ
जो दिलकशी में न दिल देते थे
ये तब की बात है जिस रात तुम
अधूरे थे
मैं वो रंग हूँ
मैं वो ख़त हूँ
मैं दिल हूँ
मैं वो रंग हूँ



Credits
Writer(s): Mayank Verma
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