Ankaha

आँखों से तूने क्या कहाँ है?
मन ज़रा भी अपने वश में ना रहा
ये प्यार है या और कुछ है?
जो भी है ये, छोड़ दे चल अनकहा

जब मौन तेरा गाने लगा तो
रोके रुका ना नदी सा ये मन बहा
ये प्यार है या और कुछ है?
जो भी है ये, छोड़ दे चल अनकहा
पलकों तले तू काजल के जैसा
तेरे बिन ये नैन दीपक हैं बुझे
तू चंद्रमा है, मैं एक लहर हूँ
खींचता है बेतहाशा तू मुझे

हो, तू कल्पना में ना समाए
कर चुका हूँ १०० जतन मैं बारहा
ये प्यार है या और कुछ है?
जो भी है ये, छोड़ दे चल अनकहा
जब मौन तेरा गाने लगा तो
रोके रुका ना नदी सा ये मन बहा



Credits
Writer(s): Sulaiman, Salim, Manoj Muntashir
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