Saathiya

सोचो ना, जाने कैसे अनजानी राहों में हम-तुम चलते गए
हम दोनों को कुछ ना ख़बर, साथिया
देखो ना, फ़िज़ाएँ कैसे लेके चलें इश्क़ की ओर हमें
हम दोनों को कुछ ना ख़बर, साथिया

तू मेरा बन जाए 'गर
साँसों को मिल जाए घर
तो मज़ा है इस सफ़र में

साथिया, बन जा तू मेरा
साथिया, बन जा तू मेरा

क्या क़िस्मतें ले चली नई राहों में प्यार की?
ना हों जहाँ दायरे, ना मंज़िलें हों कोई

तू मेरा बन जाए 'गर
साँसों को मिल जाए घर
तो मज़ा है इस सफ़र में

साथिया, बन जा तू मेरा
साथिया, बन जा तू मेरा
साथिया, बन जा तू मेरा
साथिया, बन जा तू मेरा



Credits
Writer(s): Himanshu Kohli, Yugprasad Bhusal
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