Oh Jatadhari

शिव शिवाय शिव शिवाय शिव शिव शिव शिवाय शिव शिवाय
शिव शिवाय शिव शिवाय शिव शिव शिव शिवाय शिव शिवाय
शिव शिवाय शिव शिवाय शिव शिव शिव शिवाय शिव शिवाय
शिव शिवाय शिव शिवाय शिव शिव शिव शिवाय शिव शिवाय

ओ जटाधारी ओ जटाधारी
ना रह पाऊं बिन भक्ति तुम्हारी
ओ विषधारी ओ विषधारी
ना रह पाऊं बिन भक्ति तुम्हारी

तुम ही हो के लाश निवासी
पूजे जिनको सृष्टि सारी
काल भैरव का रूप लिए तुम
राजा दक्ष को दंड दिया

दूर हुई जो सती माँ तुमसे
सृष्टि में हाहाकार किया

ओ जटाधारी ओ जटाधारी
ना रह पाऊं बिन भक्ति तुम्हारी
ओ विषधारी ओ विषधारी
ना रह पाऊं बिन भक्ति तुम्हारी
तुम ही हो के लाश निवासी
पूजे जिनको सृष्टि सारी

दया का हो अंबार लिए तुम
तीनों लोक में छाए
सुर असुर संघार किए
अंतर्यामी कहलाए

दया का हो अंबार लिए तुम
तीनों लोक में छाए
सुर असुर संघार किए
अंतर्यामी कहलाए
अंतर्यामी कहलाए

ओ जटाधारी ओ जटाधारी
ना रह पाऊं बिन भक्ति तुम्हारी
ओ विषधारी ओ विषधारी
ना रह पाऊं बिन भक्ति तुम्हारी
तुम ही हो के लाश निवासी
पूजे जिनको सृष्टि सारी

शिव शिव जय शिव रुद्राक्ष धारी
शिव शिव जय शिव त्रिशूल धारी
शिव शिव जय शिव त्रिनेत्र हारी



Credits
Writer(s): Nilesh Kumar Agarwal
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