Chudail

मैं रूह को तुझसे
छीन लूंगी
खुबसूरत पिशाचिनी हूं
ज़ख्म दिल में
है चोट सर पे
ख्वाहिशें अधूरी मेरी
अभागिनी-सी पिशाचिनी हूं
अभागिनी-सी पिशाचिनी हूं।
पूछो जो, दर्द क्या है
अधूरा रह गया जो
फ़र्ज़ क्या है
पूरा हुआ ना
वो क़र्ज़ क्या है
तेरा ख़ुदा,क्यों बेदर्द सा है
भूला मेरी सारी उपासनाएं
लिखी आंसुओं से, दास्तां ये
डर तेरा, मेरा आसरा है
मेरा तेरा कोई, वासता है
बदला लेने आ गई हूं
तूने जलाई जो आग, वही हूं
सोई थी,फिर से आज जाग गई हूं
तूझे पूकारूं,आवाज़ वही हूं
अंत तेरा मैं, आगाज़ नहीं हूं
अंत तेरा मैं, आगाज़ नहीं हूं।
मैं रूह को तुझसे
छीन लूंगी
खुबसूरत पिशाचिनी हूं
ज़ख्म दिल में
है चोट सर पे
ख्वाहिशें अधूरी मेरी
अभागिनी-सी पिशाचिनी हूं
अभागिनी-सी पिशाचिनी हूं।



Credits
Writer(s): Thakur\'s Boy Ajay Azay
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