Samajh Na Paaye

मुझसे है नाराज़गी तेरी खामखाह ये
खामखाह भीगा है आँखों का आसमाँ
शक़ तूने किया है मुझपे क्यूँ बेवजह?
बेवजह झगड़े हैं दोनों के दरमियाँ

तेरी ग़लत, ग़लत, ग़लत-फ़हमियाँ
दिन-रात मुझको सताए

तुम मुझे समझ ना पाए
तुम मुझे समझ ना पाए
(तुम मुझे समझ ना पाए)

माना कि मेरी भी थोड़ी है ग़लतियाँ (ग़लतियाँ)
तुझमें भी है थोड़ी-थोड़ी सी ख़ामियाँ
शिकवे-गिले दूर कर ले आ बैठ के
अच्छा नहीं आग के बिन ये धुआँ

तेरी ग़लत, ग़लत, ग़लत-फ़हमियाँ
दिन-रात मुझको सताए

तुम मुझे समझ ना पाए
तुम मुझे समझ ना पाए
(तुम मुझे समझ ना पाए)

दिल को जोड़ने में नाकाम थी सारी कोशिशें
मुझे पीछे छोड़ के आगे बढ़ गई तेरी ख़्वाहिशें
दिल को जोड़ने में नाकाम थी सारी कोशिशें (सारी कोशिशें)
मुझे पीछे छोड़ के आगे बढ़ गई तेरी ख़्वाहिशें

फिर भी दिल यही ग़म दोहराए

तुम मुझे-

तुम मुझे समझ ना पाए (समझ ना पाए)
(You never understand, you'll never ever understand)
तुम मुझे समझ ना पाए
(तुम मुझे समझ ना पाए)
(You never understand, you'll never ever understand)

तुम मुझे समझ ना पाए



Credits
Writer(s): Salim Sadruddin Merchant, Sulaiman Sadruddin Merchant, Rakesh Kumar Pal
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