Shaamo Subah

तेरी ही बाँहों में ये ज़िंदगी यूँ बीत जाए
जैसे हो कोई ख़्वाब सा
जाने-अनजाने में ही जा रही हैं बिन बताए
तेरी-मेरी ये दूरियाँ

हर शाम-ओ-सुबह मैं तुझको ही चाहूँ
अब तेरे सिवा मेरा क्या यहाँ?
हर शाम-ओ-सुबह मैं तुझको ही चाहूँ
लगे दिल मेरा ना तेरे बिना
देखा तेरा आना, तेरा जाना देखा
कोई तुझ सा ना ये ज़माना देखा

आँखों में सब लिखा है
कह के हम क्या-क्या बताएँ?
समझो इशारों को ज़रा
कुछ तेरे नाम जैसा ये हवाएँ गुनगुनाएँ
जो मेरा दिल है सुन रहा

हर शाम-ओ-सुबह मैं तुझको ही चाहूँ
अब तेरे सिवा मेरा क्या यहाँ?
बस शाम-ओ-सुबह मैं तुझको ही चाहूँ
लगे दिल मेरा ना तेरे बिना
हाँ, मैंने हर लम्हा तुझको ही चाहा
ना हों कभी फ़ासले
हो, साँसों का चलना, जीना या मरना
सदा तेरे नाम पे, hey



Credits
Writer(s): Kasyap
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