Shiv (Aghori Tandav)

इल्ल-साह-इल्ल
फस रा तू कित निर्भाग
काम सै ओले
पर धोले सै हाथ
डर जागा होते ही रात
नरक मैं लागे गी लात
फस रा तू कित निर्भाग
डरना क्यों जब वो साथ
कर के ने करड़ा सा गात
चाट ले धुने की राख
करा दूं भोले ते बात
करा दूं भोले ते बात
करा दूं भोले ते बात
तांडव करूं मैं बण मैं
करदूँ मैं जो मेरे मन मैं
धुणे की आग बदन मैं
गले मैं सांप र सलपैं

काट के फाड़
चीर के चार
र कर के देख
तू अत्याचार

काड़ लूं जान
जगत सुनसान
रगड़ ली भांग
त्याग जलपान
लगा के ध्यान
तू कर गुणगान
मैं विधिविधान
ना बदल जुबान
ना बाने तूफान

र जानू मैं तेरी तै नस नस नै
जो इतना सा है तेरे बस मैं
बांध के धर ले तू कस कै
बुद्धि में जीतना भरम सै
अंत में सब तो भस्म सै
निभानी पड़ रसम सै
लाडले भईए संभल के रहिए
ना ते फेर खेल खत्म सै

शिव शंकर मेरा भोला भंडारी
कलयुग के मा धरती हाले नाचे जटाधारी
जहर पी के होरा नीला तपे तप धार
बात होवे सीधी मेरी भोले गेल्या यारी
भोले गेल्या यारी मेरी भोले गेल्या यारी
शिव शंकर मेरा भोला भंडारी
कलयुग के मा धरती हाले नाचे जटाधारी
जहर पी के होरा नीला तपे तप धार
बात होवे सीधी मेरी भोले गेल्या यारी

धरती के नीचे और ऊपर का उसने बेरा है
भोला वो पर्वत पै बैठा आसमान में डेरा है
डम डम डमरू बाजे गुंघरू वो जोर भ्तेरा ले रया सै
वक्त घुमावे आगे पाच्छे यो खेल ऊका गढ़घेरा सै
वो काल जाल अंधेर सै उसके ए कर के सवेरा सै
भांग घोट के पी जा सै वो जहर चलम में लेरा सै



Credits
Writer(s): Illsahill
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link