Darbadar

लगे पाँव में जो चुभते से मेरे सपने हैं
सारे मुझको समेट के ये रखने हैं

किए जा रही मज़ाक़ मुझसे है ज़िंदगी
तरसाए बूँद-बूँद ना भुजने दे तिशनगी

सूनी पड़ी मेरी तक़दीरें, कोई नज़र ना आए
पूरी हुई नहीं तस्वीरें, कोई रंग लगाए

मैं तो ढूँढ़ू दरबदर, ढूँढ़ू दरबदर
कोई राह ना दिखाए ढूँढ़ू दरबदर, ढूँढ़ू दरबदर
ना मिले घर में तो ढूँढ़ू दरबदर, ढूँढ़ू दरबदर
कोई राह ना दिखाए ढूँढ़ू दरबदर, ढूँढ़ू दरबदर
ना मिले घर में तो-

कभी अगर तू खो जो जाए तो यादें आपनी छानना
वहीं मिलेंगी तुझको घर की वो राहें जहाँ है आलना

सूनी पड़ी मेरी तक़दीरें, कोई नज़र ना आए
पूरी हुई नहीं तस्वीरें, कोई रंग लगाए

मैं तो ढूँढ़ू दरबदर, ढूँढ़ू दरबदर
कोई राह ना दिखाए ढूँढ़ू दरबदर, ढूँढ़ू दरबदर
ना मिले घर में तो ढूँढ़ू दरबदर, ढूँढ़ू दरबदर
कोई राह ना दिखाए ढूँढ़ू दरबदर, ढूँढ़ू दरबदर
ना मिले घर में तो-



Credits
Writer(s): Inderpreet Singh, Akshay Raheja
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