Meetha Meetha Bathela

(बथेला कमर)
(दिहल ह दरदिया)
(दिहल ह दरदिया)

(काहे एतना पीड़ा होता?)
(चाल-चलन धीरा होता)
(काहे एतना पीड़ा होता?)
(चाल-चलन धीरा होता)

परती जमीनिया बुझ के जोतले बा हर
पियवे के दिहल ह दरदिया

मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया
मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया

(बथेला कमर)
(दिहल ह दरदिया)

होता दिक्कताई हमरा, उठल ना बइठल जाला
भाला खानी छेदऽ तावे, देहियो ना अइठल जाला
(त धराई दिहीं का? हो, दबाई दिहीं का?)
(अभी कहऽ त तेलवा लगाई दिहीं का)

ओढ़ना-बिछवना नाहीं रहे गुदगर
पियवे के दिहल ह दरदिया

मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया
मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया

(दिहल ह दरदरिया)

बूझे ना Khesari दुखवा, Krishna Bedardi
रातवे से पियऽ तानी दूधवा आ हरदी
(अभी हेले के परी, खेला-खेले के परी)
(ए-हो, बेलना प खर रोटी बेले के परी)

हम अबहीं लइका बानी, ऊ बसे नियर
पियवे के दिहल ह दरदिया

मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया
मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया

(दिहल ह दरदिया)



Credits
Writer(s): Krishna Bedardi
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