Dhaage


धागे क्यूं ये टूट रहे हैं?
भागे पलकों के नीचे से पल
कल की ना है फिक्र हमें
आज को जी ले तू थोड़ा सा चल

माने ना तू खुद की करता है मन
जागे ना क्यूं? बीत गया है वो कल
अपनी धुन को गाके सबको सुना दे
सारे सपनों को अपने तू करले सफल

बहकी है जुस्तजू, दिल की है आरज़ू
मेरा है ये पल
बेवजह क्यूं डरे? अपने भी मन की करले
आज कल

अपनी धुन को गाके सबको सुना दे
सारे सपनों को अपने



Credits
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link