Aakhri Sawaal

कितने दिन बर्बाद किए हैं
कैसे हिसाब लगाऊँ

कितने दिन बर्बाद किए हैं
कैसे हिसाब लगाऊँ
तेरी इतनी आदत है मैं
शायद कल मर जाऊँ

ना भी मरूँ तो, आदत तेरी
ना भी मरूँ तो, आदत तेरी
कैसे मैं ये भुलाऊँ
कैसे मैं ये मिटाऊँ

कितने दिन बर्बाद किए हैं
कैसे हिसाब लगाऊँ
दिन तो मैं फिर भी गिन लूँगा जो
प्यार दिया वो बताओ

कितने बहानों से घेरा मुझको
तोला पुराने यारों से मुझको
चार जनों में करके शामिल
हाँ
चार जनों में करके शामिल
बेगानों में नाम लिया
तूने दिखाए सपने जो मुझको
तूने दिखाए थे सपने जो मुझको
सपने कैसे भुलाऊँ, सपने कैसे भुलाऊँ

सपनों की तुम छोड़ो बातें
सपनों की तुम छोड़ो बातें
यादें कैसे भुलाऊँ
यादें कैसे भुलाऊँ

कितने दिन बर्बाद किए हैं
कैसे हिसाब लगाऊँ
तेरी इतनी आदत है मैं
शायद कल मर जाऊँ

मजबूरी थी शायद तेरी
मान ली मैंने बात ये तेरी
पर नमुमकिन था जब ये सब
हाँ
पर नमुमकिन था जब ये सब
इतना क्यों खेलवाड़ किया
इतनी ताकत मुझमें नहीं है
ये इक्लौती मुझमें कमी है
माफ़ ना मैं कर पाऊँ
माफ़ ना मैं कर पाऊँ

माफी की भी बात नहीं है
माफी की भी बात नहीं है
खुद को कैसे मनाऊँ
खुद को कैसे रिझाऊँ

कितने दिन बर्बाद किए हैं
कैसे हिसाब लगाऊँ
इतनी तेरी आदत है मैं
शायद कल मर जाऊँ
ना भी मरा तो, आदत तेरी
ना भी मरा तो, आदत तेरी
कैसे मैं ये भुलाऊँ
कैसे मैं ये मिटाऊँ
कितने दिन बर्बाद किए हैं
कैसे हिसाब लगाऊँ
तुझको कैसे भुलाऊँ
कैसे पास बुलाऊँ
कितने पास बुलाऊँ



Credits
Writer(s): Mayank Verma
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