Ek Samay

एक समय की बात थी
जनवरी की रात थी
दो अनजाने दिलों की
इक हसीं मुलाक़ात थी

दिल की वो बातें कैसे बताते
इक-दूसरे को दोनों थे चाहते

बातों-बातों में फिर बात बढ़ी
आँखों-आँखों में आँख लड़ी
सपना देखा था जो उम्र-भर
सामने वो मंज़िल थी खड़ी

आँखों की बातें कैसे छुपाते
इक-दूसरे को दोनों थे चाहते

आओ चलें, अब चलें हम वहाँ
दास्ताँ ये लिखी थी जहाँ
आओ चलें, अब चलें हम वहाँ
दास्ताँ ये लिखी थी जहाँ



Credits
Writer(s): Rajarshi Sanyal, Inderpreet Singh
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