Aye Khuda

ले आई है बीते हुए लम्हों को फिर, हाँ, ये ज़िंदगी
यूँ बे-रहम सी हो गई, लेने चली जाँ ये ज़िंदगी
ख़ुदा क्यूँ रूठ गया मुझ से? नहीं था बैर मेरा तुझ से
क्यूँ तूने छीन लिया मुझ से मेरा जहाँ?

ऐ ख़ुदा, तू बता

उम्मीद थी, अरमान थे, ख़ुशियाँ भी थी बे-हिसाब सी
बाँहों में थी दुनिया मेरी, थी ज़िंदगी जैसे ख़्वाब सी
हर इक पल रौशन-रौशन था, महकता दिल का आँगन था
था जन्नत से बढ़ के प्यारा मेरा जहाँ

ऐ ख़ुदा, तू बता

ये क्या किया ख़ुदा? हाए
ये क्यूँ किया ख़ुदा?
बता मेरे ख़ुदा
थी क्या मेरी ख़ता?

बे-जान सी है ज़िंदगी, हर साँस है ग़म-ज़दा

ये क्या किया ख़ुदा? हाए
ये क्यूँ किया ख़ुदा?
बता मेरे ख़ुदा
थी क्या मेरी ख़ता?

उम्मीद है टूटी हुई, तन्हाइयों का दौर है
हैं ख़्वाहिशें बिखरी हुई, ख़ामोशियों का शोर है
बुला ले अपने पास मुझे, न आए जीना रास मुझे
क्यूँ तूने छीन लिया मुझ से, मेरा जहाँ?

ऐ ख़ुदा, तू बता

ये क्या किया ख़ुदा? हाए
ये क्यूँ किया ख़ुदा?
बता मेरे ख़ुदा
थी क्या मेरी ख़ता?

बे-जान सी है ज़िंदगी, हर साँस है ग़म-ज़दा

ये क्या किया ख़ुदा? हाए
ये क्यूँ किया ख़ुदा?
बता मेरे ख़ुदा
थी क्या मेरी ख़ता?



Credits
Writer(s): Sachin Pathak, Bawra Inder, Shekhar Astitwa, Sunny Bawra
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