Tumsa Koi Pyaara

(बरसात का मौसम, यहाँ हम, यहाँ तुम)
(सजनी को मिल गए साजन, साजन, साजन)

तुम सा कोई प्यारा, कोई मासूम नहीं है
क्या चीज़ हो तुम, ख़ुद तुम्हें मालूम नहीं है
लाखों हैं, मगर तुम सा यहाँ कौन हसीं है?
तुम जान हो मेरी, तुम्हें मालूम नहीं है

तुम सा कोई प्यारा, कोई मासूम नहीं है
क्या चीज़ हो तुम, ख़ुद तुम्हें मालूम नहीं है
लाखों हैं, मगर तुम सा यहाँ कौन हसीं है?
तुम जान हो मेरी, तुम्हें मालूम नहीं है

(तुम सा कोई प्यारा, कोई मासूम नहीं है)
(क्या चीज़ हो तुम, ख़ुद तुम्हें मालूम नहीं है)

(तुम सा कोई प्यारा, कोई मासूम नहीं है)
(क्या चीज़ हो तुम, ख़ुद तुम्हें मालूम नहीं है)

१०० फूल खिले, जब ये खिला रूप सुनहरा
१०० चाँद बने, जब ये बना चाँद सा चेहरा
हो, १०० फूल खिले, जब ये खिला रूप सुनहरा
१०० चाँद बने, जब ये बना चाँद सा चेहरा

इतना भी कोई प्यार की राहों में ना गुम हो
बस होश है इतना कि मेरे साथ में तुम हो
मेरे साथ में तुम हो, मेरे साथ में तुम हो

Hmm, धड़कन है कहीं, दिल है कहीं, जान कहीं है
तुम जान हो मेरी, तुम्हें मालूम नहीं है
ये चाँदनी इन आँखों का साया तो नहीं है
क्या चीज़ हो तुम, ख़ुद तुम्हें मालूम नहीं है

(तुम सा कोई प्यारा, कोई मासूम नहीं है)
(क्या चीज़ हो तुम, ख़ुद तुम्हें मालूम नहीं है)

(तुम सा कोई प्यारा, कोई मासूम नहीं है)
(क्या चीज़ हो तुम, ख़ुद तुम्हें मालूम नहीं है)

ये होंठ, ये पलकें, ये निगाहें, ये अदाएँ
मिल जाएँ, ख़ुदा, मुझको तो मैं ले लूँ बलाएँ
हो, ये होंठ, ये पलकें, ये निगाहें, ये अदाएँ
मिल जाएँ, ख़ुदा, मुझको तो मैं ले लूँ बलाएँ

दुनिया का कोई ग़म भी मेरे पास ना होगा
तुम साथ चलोगे तो ये एहसास ना होगा
एहसास ना होगा, एहसास ना होगा

Hmm, आकाश है पैरों में हमारे कि ज़मीं है?
तुम जान हो मेरी, तुम्हें मालूम नहीं है
ऐसा कोई महबूब ज़माने में नहीं है
क्या चीज़ हो तुम, ख़ुद तुम्हें मालूम नहीं है

लाखों हैं, मगर तुम सा यहाँ कौन हसीं है?
तुम जान हो मेरी, तुम्हें मालूम नहीं है

(तुम सा कोई प्यारा, कोई मासूम नहीं है)
(क्या चीज़ हो तुम, ख़ुद तुम्हें मालूम नहीं है)



Credits
Writer(s): Anu Malik, Rahat Indori
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