Ram Ji Ki Sena Mein Hai Bade Bade Yodha Par Angad Sa Na Ek Vivek Buddhi Bal Mein

महाशक्तिन को यह ध्यान रहे पृथ्वी पे वृथा विध्वंस ना हो
कोई ना अकाल मरे जग में और वंश कोई निर्वंश ना हो
को नीति-अनीति में भेद करें, यदि राम सरीखों हँस ना हो
पृथ्वी धस जाए रसातल में, पृथ्वी पे जो धर्म को अंस ना हो

राक्षसों के दल बीच अंगद चला है ऐसे निर्भय सिंह जैसे हाथियों के दल में
साहस अपार लिए राम का आधार लिए कूद पड़े जैसे कोई सागर अतल में
रोके ना किसी के रोके बढ़ता ही चला जाए सूर्य का प्रकाश जैसे घने जंगल में
राम जी की सेना में है बड़े़-बड़े योद्धा पर
अंगद सा एक ना विवेक बुद्धि बल में
राम जी की सेना में है बड़े-बड़े योद्धा पर
अंगद सा एक ना विवेक बुद्धि बल में



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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