Shamil Karo

हमको भी शामिल करो
अपनी महफिल में
हमको भी शामिल करो
अपनी महफिल में
हम सुने हैं आशिकों की
ये नई आवाम है
हमको भी शामिल करो
अपनी महफिल में
हमको भी शामिल करो
अपनी महफिल में

क्या मेरी पहचान लेना
इतना लाज़िम काम है?
क्या मेरी पहचान लेना
इतना लाज़िम काम है?
आप क्यों मेरे ज़ख्म से
अबतलक अनजान हैं?
देख ये आँखों में आँसू
मर्द की आँखों में आँसू
आशिक़ी का इनाम है

हमको भी शामिल करो
अपनी महफिल में
हमको भी शामिल करो
अपनी महफिल में

और कुछ पूछो ना मुझसे
रोक दो ये सिलसिला
और कुछ पूछो ना मुझसे
रोक दो ये सिलसिला
मैं कोई काफ़िर नहीं हूँ
कर लो शामिल एक दफ़ा
अपने जैसों से मिलूंगा
दिल के टूटों से मिलूंगा
लूँ सलाह और पूछलूंगा
उनपे क्या इलज़ाम है

हमको भी शामिल करो
अपनी महफिल में
हम सुने हैं आशिकों की
ये नई आवाम है
हमको भी शामिल करो
अपनी महफिल में
हमम
अपनी महफिल में



Credits
Writer(s): Mayank Verma
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