Tum Kya Mile - Chill House Remix

बे-रंगे थे दिन, बे-रंगी शामें
आई हैं तुमसे रंगीनियाँ
फीके थे लम्हे जीने में सारे
आई हैं तुमसे नमकीनियाँ

बे-इरादा रास्तों की बन गए हो मंज़िलें
मुश्किलें हल हैं तुम्हीं से या तुम्हीं हो मुश्किलें?

तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
हम ना रहे हम, तुम क्या मिले
जैसे मेरे दिल में खिले
फागुन के मौसम, तुम क्या मिले

तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले

कोरे काग़ज़ों की ही तरह हैं
इश्क़ बिना जवानियाँ
दर्ज हुई हैं शायरी में
जिनकी हैं प्रेम कहानियाँ

हम ज़माने की निगाहों में कभी गुमनाम थे
अपने चर्चे कर रही हैं अब शहर की महफ़िलें

तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
हम ना रहे हम, तुम क्या मिले
जैसे मेरे दिल में खिले
फागुन के मौसम, तुम क्या मिले

तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Pritam
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