Jaana Hai

ऐसे जाना तो नहीं चाहा था
पर जाना है
ऐसे जाना तो नहीं चाहा था
पर जाना है
तेरी फितरत में कहाँ हमसे दिल
लगाना है?
ऐसे जाना तो नहीं चाहा था
पर जाना है

संग तेरे रहेंगे
तो ये आँखें बहेंगी
कुछ बातें सहेंगे
कुछ बातें चुभेंगी
क्यों न हम दूरियाँ
यूं बढ़ाते चलें?
बस ख़त्म कर यहाँ
क्यों तमाशे करें?

ये तमाशों के बिना हमको जिए
जाना है
ऐसे जाना तो नहीं चाहा था
पर जाना है
तेरी फितरत में कहाँ हमसे दिल
लगाना है
ऐसे जाना तो नहीं चाहा था
पर जाना है

ये कैसी आदतें
तेरे जाने से लगी?
कभी सो न पाऊँ मैं
खाने का मन नहीं
क्यों न हम इस कमी
को निभाते चलें?
बस ख़त्म कर यहाँ
क्यों तमाशे करें?

ये तमाशों के बिना हमको जिए
जाना है
ऐसे जाना तो नहीं चाहा था
पर जाना है
तेरी फितरत में कहाँ हमसे दिल
लगाना है
ऐसे जाना तो नहीं चाहा था
पर जाना है
हम्म
पर जाना है



Credits
Writer(s): Mayank Verma
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