Manmaniyaan Teri

बातों की तेरी मुझको
कैसी तलब लगी
आदत सी बन गयी हैं
अब यारियाँ तेरी
मन जिद्दी तेरा भी है
मन जिद्दी मेरा भी
मन को लुभा रही हैं
मनमानियाँ तेरी, मनमानियाँ तेरी
मनमानियाँ तेरी
मनमानियाँ तेरी, मनमानियाँ तेरी

हाथों में हाथ डाले
हम चल रहे हैं यूँ
एक दूसरे में अब तो
हम घुल रहे हैं यूँ
कुछ दूर थे अलग थे
अब एक हो गए हैं
साये मेरे सभी और

परछाइयाँ तेरी, परछाइयाँ तेरी
मनमानियाँ तेरी
मनमानियाँ तेरी, मनमानियाँ तेरी

हर शाम खूबसूरत
सौगात लायी है
तुझको करीब मेरे
हर रात लायी है
बोसे से एक सुबह के
टूटी है नींद जो
मुझ पर बिखर रही हैं

अंगड़ाइयाँ तेरी, अंगड़ाइयाँ तेरी
मनमानियाँ तेरी
मनमानियाँ तेरी, मनमानियाँ तेरी

मैं रहती हूँ तुझ ही में
ये जानता है तू
फिर भी खुदा से मुझको ही
मांगता है तू
मासूमियत में लिपटा
है तेरा इश्क़ और
मुझको समेटती हैं

नादानियाँ तेरी, नादानियाँ तेरी
मनमानियाँ तेरी
मनमानियाँ तेरी, मनमानियाँ तेरी



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