Ja Tujhko 2.0

कि तू आता था मुझको बुलाने कभी
आज आया नहीं, गले लगाया नहीं
सबसे छुपती रही
जा के पनघट पे मैं, मैं तो रोती रही

तू ना बिखरा है ऐसे
तू भी बिखरेगा ऐसे जैसे साँसें मेरी

'गर तुझको कभी प्यार जो मिले
गुज़रे तुझपे भी, गिले हमसे जो किए
'गर तुझको कभी प्यार जो मिले
मेरी यादों में तेरे होंठ हों सिले

तू तो ऐसा ना था, कभी ऐसा ना किया
फिर ऐसा क्या हुआ?
तुझे मेरी ही अब नज़र है लगी

कि कभी टूटा ना ऐसे
वो दिल भी टूटेगा ऐसे जैसे दुनिया मेरी

पा धा नि धा सा सा सा
पा धा नि धा सा सा सा
पा धा नि धा रे रे रे
गा मा पा गा मा रे नि रे सा सा

कि तू आता था मुझको मनाने कभी

'गर तुझको कभी प्यार जो मिले
गुज़रे तुझपे भी, गिले हमसे जो किए
'गर तुझको कभी प्यार जो मिले
मेरी यादों में तेरे होंठ हों सिले

तूने तोड़ा दिल मेरा, ओ, साजना
कि मैं सबसे छुपती रही
जा के पनघट पे मैं खड़ी रोती रही

शाम ढल थी चुकी, आँखें नम थीं मेरी
यादें चुभती रहीं, सबसे छुपती रही
जा के पनघट पे मैं, मैं तो रोती रही

कभी बरसा ना ऐसे
सावन बरसेगा ऐसे जैसे आँखें मेरी

जा, तुझको कोई प्यार ना करे
जा, तुझको भी कभी प्यार ना मिले
जा, तुझको कोई प्यार ना करे
जा, तुझको भी कभी प्यार ना मिले



Credits
Writer(s): Deepak Rathore Project
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