Ko Nahi Janat Hai Jag Mein Kapi Sankat Mochan Naam Tiharo (From "Kishkindha Kaand")

हे, कपिराज, नहीं अस काज ना आपसे होए जो आप विचारो
(...ना आपसे होए जो आप विचारो)
सात समंदर जान सरोवर लाँघो एक छलांग जो मारो
(...लाँघो एक छलांग जो मारो)

तीनों लोक में कोई नहीं...
तीनों लोक में कोई नहीं, कपि, आप को मारग रोकन हारो

(को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो)

बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुँ लोक भयो अँधियारो
(...तिनहुँ लोक भयो अँधियारो)
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो
(...संकट काहु सों जात न टारो)

देवन आनि करी विनती...
देवन आनि करी विनती, तब छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो
(को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो)

तुमपे हमें अभिमान, सुनो...
तुमपे हमें अभिमान, सुनो विनती, हनुमान, हमारी
अपने बल को कछु ध्यान करो, हनुमान महाबलधारी

(हनुमान महाबलधारी, बजरंगबली उपकारी)
(अपने बल को कछु ध्यान करो, हनुमान महाबलधारी)
अपने बल को कछु ध्यान करो, हनुमान महाबलधारी

राम के नाम को जाप करो, तुम निसदिन "राम" ही "राम" उच्चारो
(...निसदिन "राम" ही "राम" उच्चारो)
राम रमे रहो, राम सुनो चहो, राम को नाम तुम्हें अति प्यारो
(...श्री राम को नाम तुम्हें अति प्यारो)

राम के सेवक, राम दुहाई...
राम के सेवक, राम दुहाई, राम पे आई विपत्ति को टारो

(को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो)

लंका जाओ, सिया सुधि लाओ...
लंका जाओ, सिया सुधि लाओ, केवल आस तिहारी
(अपने बल को कछु ध्यान करो, हनुमान महाबलधारी)

हनुमान महाबलधारी, बजरंगबली उपकारी
(अपने बल को कछु ध्यान करो, हनुमान महाबलधारी)
(अपने बल को कछु ध्यान करो, हनुमान महाबलधारी)



Credits
Writer(s): Ravindra Jain
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