Dillagi

तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो

तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो
तुम्हारे ख़यालों की दुनिया यही है
ज़रा मेरी बाँहों में आकर तो देखो
देखो, देखो

देख के मुझे क्यूँ तुम देखते नहीं?
यारा, ऐसी बेरुख़ी, हाँ, सही तो नहीं
रात-दिन जिसे माँगा था दुआओं में
देखो ग़ौर से, कहीं मैं वही तो नहीं

मैं वो रंग हूँ जो चढ़ के कभी छूटे ना
मैं वो रंग हूँ जो चढ़ के कभी छूटे ना दामन से

तुम्हें प्यार से प्यार होने लगेगा
तुम्हें प्यार से प्यार होने लगेगा
मेरे साथ शामें बिता कर तो देखो

(तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी)
(मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो)

तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो
तुम्हारे ख़यालों की दुनिया यही है
ज़रा मेरी बाँहों में आकर तो देखो

(तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी)
(मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो)
(मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो)

तेरे लिए मैं जियूँ
तुझ पे ही मैं जान दूँ
दिल की कहूँ, दिल की सुनूँ
इश्क़ है दिल्लगी नहीं

(तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी) दिल्लगी, दिल्लगी नहीं
(मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो)
(मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो)



Credits
Writer(s): Nusrat Fateh Ali Khan, Sulaiman Sadruddin Moledina Merchant, Salim Sadruddin Moledina Merchant, Manoj Muntashir Shukla, Purnam Allahabadi
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