Jaana

तेरे खास हुआ करते थे, अब खाक हुए फिरते हैं
आँखों से निकले आँसू
तेरे खास हुआ करते थे, अब खाक हुए फिरते हैं
आँखों से निकले आँसू सीधा रूह पर गिरते हैं
पाने से पहले, खो दिया तुझको मैंने
पत्थर से दिल ने तेरे, टुकड़े किए सौ मेरे
तन्हा कर गया मुझको तेरा छोड़ जाना
जाना, मगर देर से जाना
मुमकिन नहीं है तेरा मुझे मिल पाना

चंद लम्हों का सफर
उम्र भर समझ लिया
झूठे अल्फाज़ों में, सच्चा वादा ढूंढ़ लिया
है लिबासी ये नाराज़ी इस उदासी की कसम
तेरे ना होने के ग़म ही सहारा बना लिया

इल्तिजा रब्ब से अब तो
शाम कोई ऐसी ना हो
जिसमें तुम्हारी खुशबू
आँसुओं से बहती ना हो

दिल के इस तहखाने में तेरे नाम का मयखाना
जाना मगर देर से जाना, मुमकिन नहीं है अब ये अफसाना

जाना मगर देर से जाना, मुमकिन नहीं है तेरा मुझे मिल पाना

जाना ओजाना ओजाना



Credits
Writer(s): Gaurav Chhabra
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