Dhokha

५६ इंची लेके छाती दरिया जैसा बहने का
औने-पौने load ना ले, साला वट में रहने का
अपने जिगरे में है दम, बाक़ी सारे पानी कम
अपनी story के hero हम हैं, बेटे, केवल हम

दुनिया क्या है? धोखा है, लहर से लड़ती नौका है
मगज को मामू बाजू रख, नाच मटक के, मौक़ा है
दुनिया क्या है? धोखा है, लहर से लड़ती नौका है
मगज को मामू बाजू रख, नाच मटक के, मौक़ा है

Hey, बाबा जी कहा है जो, वही सही है रे, बकिया
चिल्लम-चिल्ली करे है क्यूँ? लगा के सो जा दो तकिया
मज़ा-मज़ा, ना मज़ा हो कम, हवा में एक दिन उड़ना है
धुआँ-धुआँ हैं, धुआँ हैं हम, क्या लेके आया है? क्या लेके जाएगा?

दुनिया क्या है? धोखा है, लहर से लड़ती नौका है
मगज को मामू बाजू रख, नाच मटक के, मौक़ा है
दुनिया क्या है? धोखा है, लहर से लड़ती नौका है
मगज को मामू बाजू रख, नाच मटक के, मौक़ा है

कहाँ पड़ा है चक्कर में, कोई नहीं है टक्कर में
शेरों वाली बाज़ी खेल, उलझ ना अक्कड़-बक्कड़ में
फ़िकर-विकर का ज़िकर ना कर, सही-ग़लत के राड़े में
फँसा-फँसा, तू फँसा अगर, रोता ही आया है, रोता ही जाएगा

दुनिया क्या है? धोखा है, लहर से लड़ती नौका है
मगज को मामू बाजू रख, नाच मटक के, मौक़ा है
दुनिया क्या है? धोखा है, लहर से लड़ती नौका है
मगज को मामू बाजू रख, नाच मटक के, मौक़ा है

मौक़ा, धोखा
मौक़ा, धोखा



Credits
Writer(s): Manoj Shukla, G V Prakash Kumar
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