Tune Jo Na Kaha Unplugged

तूने जो ना कहा, मैं वो सुनता रहा
ख़ामख़ाँ, बे-वजह ख़ाब बुनता रहा
जाने किससे की हमें लग गई है नज़रे
इस शहर में ना अपना ठिकाना रहा

दूर चाहत से मैं अपनी चलता रहा
ख़ामख़ाँ, बे-वजह ख़ाब बुनता रहा



Credits
Writer(s): Ashish Khandal
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