Socho

-सी ये तेरी, बन के दुआ है मिली
लाज को पहने तू जैसे कोई गहना
चाँद भी रूठा तुझसे, तारों की खबर भी नहीं
तेरी रोशनी से हुई है उन्हें ईर्ष्या

झुकी सी हँसी ये तेरी, बन के दुआ है मिली
लाज को पहने तू जैसे कोई गहना
चाँद भी रूठा तुझसे, तारों की खबर भी नहीं
तेरी रोशनी से हुई है उन्हें ईर्ष्या

बैठो कभी आओ पास मेरे
देखो कभी क्या है इस दिल में
बैठो कभी आओ पास मेरे
देखो कभी क्या है इस दिल में

सोचो ऐसा क्यूँ होता है?
क्यूँ ऐसे ये दिल खोता है?

ये मीठा-मीठा सा दर्द क्यूँ है?
क्या तुमने देखा है प्यार करके?

सोचो ऐसा क्यूँ होता है?
क्यूँ बादल बारिश बनता है?

क्यूँ सोने नहीं देते तेरे सपने?
क्यूँ लगता है कुछ अपना सा तुझमें?

सोचो ऐसा क्यूँ होता है?
क्यूँ रातों में चँदा जगता है? (Woah...)
बैठो कभी आओ पास मेरे
देखो कभी क्या है इस दिल में

तेरी प्यास लगी है ऐसी, एक पल मुझको चैन नहीं है
तेरी आस लगाए बैठा, क्या तुझको कुछ खबर नहीं है

सोचो ऐसा क्यूँ होता है?
क्यूँ ऐसे ये दिल खोता है?
बैठो कभी आओ पास मेरे
देखो कभी क्या है इस दिल में

झुकी सी हँसी ये तेरी, बन के दुआ है मिली
लाज को पहने तू जैसे कोई गहना
चाँद भी रूठा तुझसे, तारों की खबर भी नहीं
तेरी रोशनी से हुई है उन्हें ईर्ष्या

झुकी सी हँसी ये तेरी, बन के दुआ है मिली
लाज को पहने तू जैसे कोई गहना
चाँद भी रूठा तुझसे, तारों की खबर भी नहीं
तेरी रोशनी से हुई है उन्हें ईर्ष्या



Credits
Writer(s): Rishabh Tiwari, Rishbh Tiwari
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