Mohabbat Ka Nasha (Acoustic Demo)

समझा था दिल
कि होगा कोई घाव गहरा
है क्यों आज-कल
चारों ओर एक ही चेहरा?

तेरी हर अदा से रंग-ए-जहां खिले
तू मेरा सुकून, तू मेरी जान है

है मोहब्बत का नशा, क्या कहें
है मोहब्बत का नशा, क्या कहें
है मोहब्बत का नशा, क्या कहें
है मोहब्बत का नशा, क्या कहें

अब जाना दिल
कि रोग है ये कितना प्यारा
बहका है पल
ना ठहरने की शर्त हारा

तेरी हर अदा बेमिसाल है
मैं ना जानूँ क्या ये राज़ है

है मोहब्बत का नशा, क्या कहें
है मोहब्बत का नशा, क्या कहें
है मोहब्बत का नशा, क्या कहें
है मोहब्बत का नशा, क्या कहें



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