Barkha

रातों की काली चादर ओढ़ कर के सोए हैं ये तारे सारे
ख़ामोशी की बूँदों से भीगे-भीगे हैं किनारे सारे

ओ, बरखा
वो बारिशें मेरी ओर ला देना
ओ, बरखा
बरखा की घटा घनघोर ला देना

मैंने खो के ये जहाँ को अब पाया है ख़ुद को
मैं ना जानूँ, मैं ना जानूँ
मैंने ख़ुशियाँ ये गवाँ के भी हँसाया है ख़ुद को
मैं ना जानूँ, मैं ना जानूँ

जब भी बरसे आसमाँ, हाँ, सँवारे ये मुझे
जलता ऐसे भीगे-भीगे ये शमा
मेरी प्याली में नशा, हाँ, निहारे ये मुझे
बदले ऐसे धीरे-धीरे सब यहाँ

ओ, बरखा (बरखा)
वो चाँदनी मेरी ओर ला देना
ओ, बरखा (बरखा)
चाँदी सी चमकती भोर ला देना

ओ, बरखा (बरखा)
वो बारिशें मेरी ओर ला देना
ओ, बरखा (बरखा)
बरखा की घटा घनघोर ला देना

वो बारिशें मेरी ओर ला देना
बरखा की घटा घनघोर ला देना
वो बारिशें मेरी ओर ला देना
बरखा की घटा घनघोर ला देना



Credits
Writer(s): Maan Panu
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