Kuch Kam

कुछ कम रोशन है रोशनी
कुछ कम गीली हैं बारिशें
कुछ कम लहराती है हवा
कुछ कम हैं दिल में ख़्वाहिशें
थम सा गया है ये वक्त ऐसे
तेरे लिए ही ठहरा हो जैसे

कुछ कम रोशन है रोशनी
कुछ कम गीली हैं बारिशें
कुछ कम लहराती है हवा
कुछ कम हैं दिल में ख़्वाहिशें
थम सा गया है ये वक्त ऐसे
तेरे लिए ही ठहरा हो जैसे

क्यूँ मेरी साँस भी कुछ भीगी सी है?
दूरियों से हुई नज़दीकी सी है

क्यूँ मेरी साँस भी कुछ भीगी सी है?
दूरियों से हुई नज़दीकी सी है

जाने क्या ये बात है
हर सुबह अब रात है

कुछ कम रोशन है रोशनी
कुछ कम गीली हैं बारिशें
कुछ कम लहराती है हवा
कुछ कम हैं दिल में ख़्वाहिशें
थम सा गया है ये वक्त ऐसे
तेरे लिए ही ठहरा हो जैसे

फूल महके नहीं, कुछ गुमसुम से हैं
जैसे रूठे हुए कुछ ये तुम से हैं

फूल महके नहीं, कुछ गुमसुम से हैं
जैसे रूठे हुए कुछ ये तुम से हैं

ख़ुशबुएँ ढल गईं
साथ तुम अब जो नहीं

कुछ कम रोशन है रोशनी
कुछ कम गीली हैं बारिशें
थम सा गया है ये वक्त ऐसे
तेरे लिए ही ठहरा हो जैसे



Credits
Writer(s): Shekhar Ravjani, Vishal Dadlani
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