Band Ho Mutthi To Lakh Ki (From "Dharam Veer")

बात को दिल में दबाए रखना
नहीं कह देना, चुप ही रहना

बंद हो मुट्ठी तो लाख की
खुल गई तो फिर ख़ाक की
बंद हो मुट्ठी तो लाख की
खुल गई तो फिर ख़ाक की

राज़ खुल जाए ना, ख़याल रखना
नहीं कह देना, चुप ही रहना

बंद हो मुट्ठी तो लाख की
खुल गई तो फिर ख़ाक की
बंद हो मुट्ठी तो लाख की
खुल गई तो फिर ख़ाक की

ख़ुशबू और प्यार छुपाए नहीं छुपते
प्यार करने वाले जहाँ से नहीं डरते
सहते नहीं ज़ुल्म, सितम भी नहीं सहते
हम हैं दिलवाले ज़ुबाँ से नहीं कहते

आस का दीपक जलाए रखना, जलाए रखना
आस का दीपक जलाए रखना
ग़म सह लेना, मुस्कुरा देना

बंद हो मुट्ठी तो लाख की
खुल गई तो फिर ख़ाक की
बंद हो मुट्ठी तो लाख की
खुल गई तो फिर ख़ाक की

खुल जाए मुट्ठी, अंजाम जाने क्या हो
हो, जीत हो प्यार की, यारी ना बदनाम हो
पायल झनके तो जीना हराम हो
हे, चूड़ी खनके, हर चाल कामयाब हो

ज़ुल्मी से ख़ुद को बचाए रखना, बचाए रखना
ज़ुल्मी से ख़ुद को बचाए रखना
नहीं कह देना, चुप ही रहना

बंद हो मुट्ठी तो लाख की
खुल गई तो फिर ख़ाक की
बंद हो मुट्ठी तो लाख की
खुल गई तो फिर ख़ाक की



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Vithalbhai Patel
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