Puchchhal Tara

जलता हुआ तारा कोई
जब आसमाँ से टूट कर
जाता है उस पार
सुनी जाती हैं इच्छायें जहाँ
छोटी मोटी, इसके उसके, मन की बातें
सब बांध पोटली में
रस्ते पे कह-कशा के
तू निकल पड़ा
पुचछल तारा
पुचछल तारा
पुचछल तारा तू ख्वाहिशों का भारी बस्ता
लेकर चल पड़ा
पुचछल तारा
पुचछल तारा तू
ख्वाहिशों का भारी बस्ता
लेकर चल पड़ा
कुछ हैं प्यार की आहें
कुछ उम्मीदें बचपन की
लबों की खुसफुसाहटें
हैं आवाजें धड़कन की
सब बांध पोटली में
रस्ते पे कह-कशा के
तू निकल पड़ा
पुचछल तारा
पुचछल तारा
पुचछल तारा तू ख्वाहिशों का भारी बस्ता
लेकर चल पड़ा
पुचछल तारा
पुचछल तारा तू
ख्वाहिशों का भारी बस्ता
लेकर चल पड़ा
इन्द्र-धनुष सी चाहतें
है फिर भी क्यूँ बदरंग तू
ख्वाबों वाली डोर है
या कल्पना की पतंग तू
कैसा उड़ा उड़ा सा
रस्ते पे कह-कशा के
तू निकल पड़ा
पुचछल तारा
पुचछल तारा
पुचछल तारा तू ख्वाहिशों का भारी बस्ता
लेकर चल पड़ा
पुचछल तारा
पुचछल तारा तू
ख्वाहिशों का भारी बस्ता
लेकर चल पड़ा
छोटी मोटी इसके उसके मन की बातें
सब बांध पोटली में
रस्ते पे कह-कशा के
तू निकल पड़ा
पुचछल तारा
पुचछल तारा
पुचछल तारा तू
ख्वाहिशों का भारी बस्ता
लेकर चल पड़ा
पुचछल तारा
पुचछल तारा
पुचछल तारा
पुचछल तारा तू



Credits
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link