Man Mein Basa Kar Teri Moorti

मन मे बसा कर तेरी मूर्ति
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती
मन मे बसा कर तेरी मूर्ति
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती

करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन
भव में फंसी नाव मेरी तार दो भगवन
करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन
भव में फंसी नाव मेरी तार दो भगवन
दर्द की दवा तुम्हरे पास है
ज़िन्दगी दया की है भीख मांगती
मन मे बसा कर तेरी मूर्ति
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती

माँगूँ तुझसे क्या मैं यहीं सोचूं हे भगवन
ज़िन्दगी जब तेरे नाम कर दी अर्पण
माँगूँ तुझसे क्या मैं यहीं सोचूं हे भगवन
ज़िन्दगी जब तेरे नाम कर दी अर्पण
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
चिन्ता है तुमको संसार की
मन मे बसा कर तेरी मूर्ति
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती

वेद तेरी महिमा गायें सन्त करें ध्यान
नारद गुणगान करें छेड़ें वीणा तान
वेद तेरी महिमा गायें सन्त करें ध्यान
नारद गुणगान करें छेड़ें वीणा तान
भक्त तेरे द्वार करते हैं पुकार
भक्त सभी गायें प्रभु तेरी आरती
मन मे बसा कर तेरी मूर्ति
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती

जिसने तेरा नाम लिया उसके जगे भाग
सोते हुए जीवन से वो तो गये जाग
जिसने तेरा नाम लिया उसके जगे भाग
सोते हुए जीवन से वो तो गये जाग
कम है ज़िन्दगी कर ले बन्दगी
कृपा तेरी भव से है तारती
मन मे बसा कर तेरी मूर्ति
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती
मन मे बसा कर तेरी मूर्ति
उतारूँ मैं गिरधर तेरी आरती



Credits
Writer(s): Aniruddhacharya Ji
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