Baharon Ko Chaman Yaad Aa Gaya

बहारों को चमन याद आ गया है
बहारों को चमन याद आ गया है
मुझे वो गुल-बदन याद आ गया है
बहारों को चमन याद आ गया है

लचकती शाख़ ने जब सर उठाया
लचकती शाख़ ने जब सर उठाया
किसी का बाँकपन याद आ गया है
किसी का बाँकपन याद आ गया है
मुझे वो गुल-बदन याद आ गया है
बहारों को चमन याद आ गया है

तेरी सूरत को जब देखा है मैं ने
तेरी सूरत को जब देखा है मैं ने
तेरी सूरत को जब देखा है मैं ने
उरूज-ए-फ़िक्र-ओ-फ़न याद आ गया है
उरूज-ए-फ़िक्र-ओ-फ़न याद आ गया है
मुझे वो गुल-बदन याद आ गया है
बहारों को चमन याद आ गया है

मिले वो अजनबी बन कर तो 'रिफ़अत'
मिले वो अजनबी बन कर तो 'रिफ़अत'
मिले वो अजनबी बन कर तो 'रिफ़अत'
ज़माने का चलन याद आ गया है
ज़माने का चलन याद आ गया है
मुझे वो गुल-बदन याद आ गया है
बहारों को चमन याद आ गया है
बहारों को चमन याद आ गया है



Credits
Writer(s): Ghulam Ali, Badal Choudhury
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