Kalyug Ragni

हो रे कलयुग आगया ये धर्म जात में बटन लागे
हो रे कलयुग आगया ये धन माया पे मरण लागे
हीरे गेल्या बैठन ते पहलया यहा जात पूछले है
कोन बिरादरी उच्च नीच औकात पुच्छले है
हीरे राम भी रोता होगा देखके के बनगए के बनाए थे
एक ही माटी में बोके ये सारे पौधे लगाए थे
मने करया नहीं था भेद किसे में
मने करया नहीं था भेद किसे में फिर ये कीथ से करण लागे
हो रे कलयुग आगया ये धर्म जात में बटन लागे
हो रे कलयुग आगया ये धन माया पे मरण लागे
हीरे मरवा दे है मानस ही मानस ने धन की खातर
पेर पसारे उतने न जितनी हो नीचे चादर
हीरे सबने ज्यादा ज्यादा चाहिए किसे ने थोड़ा कोन्या
यहा 13 दिन ही ढोंग दिखा फिर किसे ने रोना कोन्या
हीरे मुंह पे मीठे बनके ने ये
हीरे मुंह पे मीठे बनके ने ये पाछै ते रे डशन लागे
हो रे कलयुग आगया ये धर्म जात में बटन लागे
हो रे कलयुग आगया ये धन माया पे मरण लागे
अरे भाई भाई झगड़ रहे और बहन भी हिस्सा मांगे
शरीफ आदमी सुली चढ़रा गुंडा ने न टांगें
हीरे सच्ची न्यूज लिखे न सारी झूठी बात छपे से
2 पैसा जो ज्यादा दे दे उके नाम की माला जपे से
यडे लाज शर्म भी बची नहीं रे
यडे लाज शर्म भी बची नहीं रे प्यार में कपड़े तरण लागे
हो रे कलयुग आगया ये धर्म जात में बटन लागे
हो रे कलयुग आगया ये धन माया पे मरण लागे
अरे प्यार प्यूर तो रहा नहीं सब काम निकलवावे से
घर का ही कोई भेदी हो जो मानस मरवावे से
हीरे गिरीश सरायवाला देखले लिखगया कुछ बाता ने
कईया ने आच्छी लागेगी कई गाल बकेंगे गानया पे
हीरे छोटे छोटे बालक भी रे
हीरे छोटे छोटे बालक भी रे नशे में आज पडन लागे
हो रे कलयुग आगया ये धर्म जात में बटन लागे
हो रे कलयुग आगया ये धन माया पे मरण लागे



Credits
Writer(s): Bm Records
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