Ae Ri Sakhi

तरह तरह के फूल खिलाए
ले गढवा हाथन में आए
निजामुद्दीन के दरवज्जे पर
आवन कह गए आशिक़ रंग
और बीत गए बरसों
सकल बन फूल रही सरसों

ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
भाग लगे इस आंगन को
भाग लगे इस आंगन को
अपने पिया के मैं बल-बल जाऊं
अपने पिया के मैं बल-बल जाऊं

चरन लगायो निर्धन को
चरन लगायो निर्धन को
ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
ऐ री सखी मोरे पिया घर आए

Standing here on the other side
As the river flows between us
I can't find no bridge
(And I) don't know how to swim across

(They say) there lies no fear
And tears got no place
(They say) there lies no ugly truth to face

Where the songbird goes to sleep
Under the warmth of the fallen leaves
With the dream of the Paris sun, behind those eyes
Home
Home
Home
Home

मैं तो खड़ी थी आस लगाए
मैं तो खड़ी थी आस लगाए
मैं तो खड़ी थी आस लगाए
मैं तो खड़ी थी आस लगाए
मेंहदी कजरा मांग सजाए
देख सूरतिया अपने पिया की
देख सूरतिया अपने पिया की
हार गई मैं तन मन को
हार गई मैं तन मन को

ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
ऐ री सखी मोरे पिया घर आए
ऐ री सखी मोरे पिया घर आए

Home



Credits
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link