धारा कृष्ण की

(Eehh Eehh Eeehh Eeehh)
(Eehh Eehh Eeehh Eeehh)
(Eehh Eehh Eeehh Eeehh)
(Eehh Eehh Eeehh Eeehh Ooohh)

हर दिल एक सा, हर आत्मा में एक छाया
बिना धन, बिना गहनों, हम सबको मिली है माया।
कृष्ण का दर्शन, हर कदम में शांति
यहाँ सब हैं बराबर, न कोई ऊँचा, न कोई नीच।

हर पल में सुख, हर क्षण में रोशनी
माया से मुक्त, अब हम हैं परिपूर्ण।
कृष्ण की कृपा, हर दिल में बसी
श्री कृष्ण जन्मभूमि, यहाँ बस एक धारा।

न कुछ चाहिए, न कोई आराधना
बिना बंधन, यहाँ मिली है स्वतंत्रता।
इस स्थल पर सब हैं एक ही रूप में
सच्चे आनंद का मार्ग यही, बस यही।

हर पल में सुख, हर क्षण में रोशनी
माया से मुक्त, अब हम हैं परिपूर्ण।
कृष्ण की कृपा, हर दिल में बसी
श्री कृष्ण जन्मभूमि, यहाँ बस एक धारा।



Credits
Writer(s): Christian Alexander Kürten
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