PYAR JHUTHA THA

प्यार झूठा था जताया ही क्यों
प्यार झूठा था जताया ही क्यों
ऐसे जाना था तो आया ही क्यों
ऐसे जाना था तो आया ही क्यों
जिन्दा करके जिसने मरना सिखाया है
चला गया फिर वो कभी ना आया है
छुरा खोफा मेरे सीने में जिसके
जख्मों मैंने मलहम लगाया है
किसका गुस्सा अब तुझे इल्ति होगी
कौन तुझे अब खुलके हँसाता है
बात नहीं करि तो नींद नहीं आएगी
अब भला तुझे कौन सुलाता है
सारी चालाकियां मुझे सीखा देती
छोड़ के जाना था पहले बता देती
हाथ से एक दफा खाना खिलाया था
अच्छा होता उसमे जहर मिला देती
मुझे फसा कर नोचने वाला
तेरे दिल का वो परिंदा कैसे हैं
जो कहती थी छोड़ा तो मर जाउंगी मैं
आज भला वो जिन्दा कैसे है
ओ बेदर्देया यार बेदर्देया
ओ बेदर्देया यार बेदर्देया
ओ बेदर्देया यार बेदर्देया
ओ बेदर्देया यार बेदर्देया ओ
जितने आँशु मेरे तकिये पर गिरे हैं
जमीं पे गिरते तो पौधा भी खिल जाता
जितनी मैंने तेरी मिन्नते करि हैं
खुदा की करता तो खुदा भी मिल जाता
तेरे साथ जो सोची थी मैंने
पल्लों में सारी ही जिन्दगी बीत गयी
मर गयी मोहब्बत मेरी बेचारी
मुबारक हो तेरी ईगो जीत गयी
यादों के पत्थर सीने पे पड़े हैं
सांस लेना भी अब लगता है बोझ
हालत तूने मेरी करदी है ऐसी के
मौत भी मांगू दुआओं में रोज
खुदा को जान तुम्हे भी देनी है
फिर भला तुझमे कैसा गुरुर है
रोती है जो मेरी हालत देख
बतादे उस माँ का क्या ही कसूर है
ओ बेदर्देया यार बेदर्देया
ओ बेदर्देया यार बेदर्देया
ओ बेदर्देया यार बेदर्देया
ओ बेदर्देया यार बेदर्देया ओ
जरुरत के वक्त उसने तन्हा छोड़ दिया
हवाओं की तरह मैंने भी रुख मोड़ दिया
बराबरी का खेल रहा इस दफा यारों
मैंने उसका उसने मेरा दिल तोड़ दिया
दिल तोड़ दिया



Credits
Writer(s): Harish Yadavv
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