Khamosh Sa Afsana

ख़ामोश सा अफ़साना पानी से लिखा होता
ख़ामोश सा अफ़साना पानी से लिखा होता
ना तुमने कहा होता, ना हमने सुना होता
ख़ामोश सा अफ़साना...

दिल की बात ना पूछो, दिल तो आता रहेगा
दिल की बात ना पूछो, दिल तो आता रहेगा
दिल बहकाता रहा है, दिल बहकाता रहेगा

दिल को तुमने, हो, कुछ समझाया होता
ख़ामोश सा अफ़साना पानी से लिखा होता
ना तुमने कहा होता, ना हमने सुना होता
ख़ामोश सा अफ़साना...

सहमे से रहते हैं, जब ये दिन ढलता है
सहमे से रहते हैं, जब ये दिन ढलता है
एक दीया बुझता है, एक दीया जलता है

तुमने कोई, हो, दीप जलाया होता
ख़ामोश सा अफ़साना पानी से लिखा होता
ना तुमने कहा होता, ना हमने सुना होता
ख़ामोश सा अफ़साना...

कितने साहिल ढूँढे, कोई ना सामने आया
कितने साहिल ढूँढे, कोई ना सामने आया
जब मझधार में डूबे, साहिल थामने आया

तुमने साहिल, हो, पहले बिछाया होता
ख़ामोश सा अफ़साना पानी से लिखा होता
ना तुमने कहा होता, ना हमने सुना होता
ख़ामोश सा अफ़साना...



Credits
Writer(s): Gulzar, Rd Burman
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