Pakeeza

ठंडी याद है, या ठंडी हवा
तुझको छूने की है आरज़ू
तू बहकी आस है, दिल के आसपास है
ख़ामोशी में आज कह दूँ

तू दिल से थाम ले चाहत को ज़रा
पाकीज़ा तुझपे दिल है फ़िदा
जिस्म से रूह तक तेरा ही सुरूर
तू ही रंगत महकी फ़िज़ा

पाकीज़ा-पाकीज़ा, सुन दिल की सदा (सदा-सदा)
पाकीज़ा-पाकीज़ा, ना होना जुदा
पाकीज़ा-पाकीज़ा, सुन दिल की सदा (सदा-सदा)
पाकीज़ा-पाकीज़ा, ना होना जुदा

तू है ज़िंदगी, तू है बंदगी
तू मेरा सुकूँ तू, तू अवारगी
तू कशिश जीने की, तू ही तशनगी
तू ही बेख़ुदी मेरी, तुझमें सादगी

तू दिल से थाम ले चाहत को ज़रा
पाकीज़ा तुझ पे दिल है फ़िदा
जिस्म से रूह तक तेरा ही सुरूर
तू ही रंगत महकी फ़िज़ा

पाकीज़ा-पाकीज़ा, सुन दिल की सदा
पाकीज़ा-पाकीज़ा, ना होना जुदा
पाकीज़ा-पाकीज़ा, सुन दिल की सदा
पाकीज़ा-पाकीज़ा, ना होना जुदा

क्या कहूँ तुझे नूर, या कोई परी?
होके रूबरू, कहना चाहूँ आफ़रीं
रंगिनी ये हुस्न का, तू मिसाल है
और क्या कहूँ, तू बेमिसाल है

तू दिल से थाम ले चाहत को ज़रा
पाकीज़ा तुझ पे दिल है फ़िदा
जिस्म से रूह तक तेरा ही सुरूर
तू ही रंगत महकी फ़िज़ा

पाकीज़ा-पाकीज़ा, सुन दिल की सदा (सदा-सदा)
पाकीज़ा-पाकीज़ा, ना होना जुदा
पाकीज़ा-पाकीज़ा, सुन दिल की सदा (सदा-सदा)
पाकीज़ा-पाकीज़ा, ना होना जुदा

पाकीज़ा-पाकीज़ा, सुन दिल की सदा
पाकीज़ा-पाकीज़ा, ना होना जुदा
पाकीज़ा-पाकीज़ा, सुन दिल की सदा
पाकीज़ा-पाकीज़ा, ना होना जुदा



Credits
Writer(s): Sumit, Zubeen Garg
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