Dil Kaagzi

हलके से यूँ बह रहा
रेशा हो जैसे रूई का
उड़ता है देखो कहीं आसमाँ पे
दिल काग़ज़ी मेरा

मुट्ठी में भर-भर के चीनी के दाने
जैसे हवा में घुले
हो, तारों से खेंचे है रोशन सितारे
राहों में मेरी चले

हलके से यूँ बह रहा
रेशा हो जैसे रूई का
उड़ता है देखो कहीं आसमाँ पे
दिल काग़ज़ी मेरा

खोली चंदा ने छतरी
पेड़ों के पीछे कहीं
हम-तुम चुपके से जा के
बैठेंगे नीचे वहीं

चल फूँको से धूप उड़ा के
हम थोड़ा सा दिन चुरा के
आधा तू आधा मैं, तय कर के रख ले
हिस्सा हो जैसे ख़ुशी का

हलके से यूँ बह रहा
रेशा हो जैसे रूई का
उड़ता है देखो कहीं आसमाँ पे
दिल कागज़ी मेरा

दिल काग़ज़ी मेरा
दिल काग़ज़ी मेरा



Credits
Writer(s): Anvita Dutt, Vishal Dadlani, Shekhar Rajviani
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link