Shah Ka Rutba

शाह का रुतबा शहंशाहो
सी तेरी बात है
शाह का रुतबा शहंशाहो
सी तेरी बात है
हूँ शाहों का जो शाह
उसका तेरे सर पे हाथ है
शाहों का जो शाह उसका
तेरे सर पे हाथ है
तेरे क़दमों के तले
मिट्टी भी सोना बन गयी
जार हुआ दुश्मन जहाँ
शमशीर तेरी तन्न गयी हैं
तू वाली है तू मेहरबान
हमी गेहबा है तुहि
है फ़रिश्ते भी बैरस्टिश
में तेरी क़ुर्बान वल्लाह
तू वाली है तू मेहरबान
हमी गेहबा है तुहि
बन गया कानून जो भी
तू लिखे परवान वल्लाह हो

नज़ारा जन्नतों का
आज तेरे रूबरू है
तेरा लख्ते जिगर साया
है तेरा हूबहु है
हाँ सड़के आज उसके
सर के सेहरे के सभी हैं
के तेरी सल्तनत के तख़्त
का जान शीन है
गुरूर यह जलवा रहे
ूढ़ता पुः मुक्तः रहे
तेरी जीत की रफ़्तार से
हर हार है इस तरहे

तेरी किस्मत खुद तेरे
हाथों खिलौना बन गयी
जार हुआ दुश्मन जहाँ
शमशीर तेरी तन्न गयी
तू वाली है तू मेहरबान
हमी गेहबा है तुहि
है फ़रिश्ते भी बैरस्टिश
में तेरी क़ुर्बान वल्लाह
तू वाली है तू मेहरबान
हमी गेहबा है तुहि
बन गया कानून जो भी
तू लिखे परवान वल्लाह हो

घर दीवाने आम न
हो कोई अक्बर न हुआ
जो तुम्हारे सर झुके
तोह शेनशाह में हुआ
अल्लाह रहा मेरा
हर पल हफ़ीज़
तोह सफ़र यह तय हुआ
घर दीवाने आम
न हो कोई अक्बर न हुआ
या वल्लाह या मौला

चार मजबूत
नौजवान कंधे
तुझको तेरे खुदा
ने बक्शे हैं
इनके हाथों की
जो लकीरें हैं
तेरे दोनों जहाँ
के नख्शे हैं

ज़िन्दगी तोह हर
कदम नयी दिशात है
यह ही तोह मेरे
शहमात हैं
यह दोनों मेरी
काएनात हैं या

चार मजबूत
नौजवान कंधे
तुझको तेरे खुदा
ने बक्शे हैं
इनके हाथों की
जो लकीरें हैं
तेरे दोनों जहाँ
के नख्शे हैं



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Ajay Gogavale, Atul Gogavale
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