Khalnayak Hun Mein

जी, हाँ, मैं हूँ खलनायक

नायक नहीं, खलनायक है तू
नायक नहीं, खलनायक है तू
जुल्मी बड़ा दुखदायक है तू
इस प्यार की तुझको क्या क़दर
इस प्यार के कहाँ लायक है तू

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं
नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं
ज़ुल्मी बड़ा दुखदायक हूँ मैं
है प्यार क्या, मुझको क्या ख़बर
बस, यार, नफ़रत के लायक हूँ मैं
नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं

तेरी तबियत तो रंगीन है
पर तू मोहब्बत की तौहीन है

Hmm, कुछ भी नहीं याद इस के सिवा
ना मैं किसी का, ना कोई मेरा
जो चीज़ माँगी नहीं वो मिली
करता मैं क्या और बस छीन ली
बस छीन ली, बस छीन ली

मैं भी शराफ़त से जीता, मगर
मुझको शरीफ़ों से लगता था डर
सबको पता था मैं कमज़ोर हूँ
मैं इसलिए आज कुछ और हूँ
कुछ और हूँ, कुछ और हूँ

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं
ज़ुल्मी बड़ा दुखदायक हूँ मैं
है प्यार क्या, मुझको क्या ख़बर
बस, यार, नफ़रत के लायक हूँ मैं
नायक नहीं, खलनायक है तू

कितने खिलौनों से खेला है तू
अफ़सोस फिर भी अकेला है तू

Hmm, बचपन ने लिखी कहानी मेरी
कैसे बदलती जवानी मेरी
सारा समंदर मेरे पास है
एक बूँद पानी मेरी प्यास है
मेरी प्यास है, मेरी प्यास है

देखा था माँ ने कभी प्यार से
अब मिल गई वो भी संसार से
मैं वो लुटेरा हूँ, जो लुट गया
माँ का भी आँचल कहीं छूट गया

नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं
ज़ुल्मी बड़ा दुखदायक हूँ मैं
है प्यार क्या, मुझको क्या ख़बर
बस, यार, नफ़रत के लायक हूँ मैं
नायक नहीं, खलनायक है तू

खलनायक हूँ मैं
नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं
नायक नहीं, खलनायक हूँ मैं
नायक, खलनायक
(नायक, खलनायक)
(नायक, खलनायक)



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Kudalkar, Pyarelal Sharma
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