Main Chala Main Chala

तन्हा-तन्हा मैं यूँ फिरा
अपनों में रह कर अकेला
ऐसा गिरा ना उठ सका

मैं चला, मैं चला, मैं चला
मैं चला
मैं चला, मैं चला, मैं चला
मैं चला
मैं चला, मैं चला, मैं चला

लम्हा-लम्हा घुटन है
आँखें बिन तेरे नम हैं
मेरे जलते जहाँ में
बस यही एक ग़म है

दिल की वीरानियाँ ढूँढे तुझे
राहों के फ़ासले क्यूँ बढ़ गए?
कैसी ये ज़िंदगी जो हम जिए
इसने आँसू और ग़म दिए

मैं चला, मैं चला, मैं चला
मैं चला
मैं चला, मैं चला, मैं चला
मैं चला
मैं चला, मैं चला, मैं चला

अनकही ये कहानी
बिन कहे है सुनानी
लब पे ख़ामोशियाँ हैं
अश्कों में है रवानी

साँसों के सिलसिले थमने लगे
लफ़्ज़ों के सब दीये बुझने लगे
लम्हों की आग में कुछ यूँ जला
मैं अपने आप से भी खो गया

मैं चला, मैं चला, मैं चला
मैं चला
मैं चला, मैं चला, मैं चला
मैं चला
मैं चला, मैं चला, मैं चला

मैं चला, मैं चला, मैं चला



Credits
Writer(s): Nouman Javaid
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link