Najanay Kyun

देखो कैसे पर्वत से बादल गये
बरसेंगे ये अब कहाँ?
देखो कैसे फूलों से खुशबू गयी
महकेंगी ये अब कहाँ?

सुख बन गये सपने
सब खो गये अपने
दिल बुझ गया
घर जल गया
ना जाने क्यूँ!
ना जाने क्यूँ!

यादों का फिर आँचल उड़ा
ना जाने क्यूँ!
ना जाने क्यूँ!
ना जाने क्यूँ!
ना जाने क्यूँ!

देखो कैसे हाथों से जुगनू गये
चमकेंगे ये अब कहाँ

क्यूँ सो गये शामें?
कट ना सकें रातें
दिल बुझ गया
घर जल गया
ना जाने क्यूँ!
ना जाने क्यूँ!

यादों का फिर आँचल उड़ा
ना जाने क्यूँ!
ना जाने क्यूँ!
ना जाने क्यूँ!
ना जाने क्यूँ!

देखो कैसे पर्वत से बादल गये
बरसेंगे ये अब कहाँ?
देखो कैसे फूलों से खुशबू गयी
महकेंगी ये अब कहाँ?



Credits
Writer(s): Bilal Maqsood, Anwer Maqsood
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