Har Ghadi (Complete Version)

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समंदर मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा

एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे
एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे
मेरी आँखों से कहीं खो गया मंज़र मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा

किससे पूछूँ के कहाँ गुम हूँ कई बरसों से
किससे पूछूँ के कहाँ गुम हूँ कई बरसों से
हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा
हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा

मुद्दतें हो गईं एक ख़्वाब सुनहरा देखे
मुद्दतें हो गईं एक ख़्वाब सुनहरा देखे
जागता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा
जागता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा

हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समंदर मेरा
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा



Credits
Writer(s): Sudeep Banerjee, Nida Fazli
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