Suraj Ki Har Kiran

सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूँ
सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूँ
दोज़ख़ को चाहता हूँ कि जन्नत पे वार दूँ
सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूँ
दोज़ख़ को चाहता हूँ कि जन्नत पे वार दूँ

इतनी सी है तसल्ली कि होगा मुक़ाबला
इतनी सी है तसल्ली कि होगा मुक़ाबला

दिल क्या है, जाँ भी अपनी क़यामत पे वार दूँ
दोज़ख़ को चाहता हूँ कि जन्नत पे वार दूँ
सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूँ

एक ख़्वाब था जो देख लिया नींद में कभी
एक ख़्वाब था जो देख लिया नींद में कभी

एक नींद है जो तेरी मोहब्बत पे वार दूँ
दोज़ख़ को चाहता हूँ कि जन्नत पे वार दूँ
सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूँ

आदम, हसीन नींद मिलेगी कहाँ मुझे?
आदम, हसीन नींद मिलेगी कहाँ मुझे?
आदम, हसीन नींद मिलेगी कहाँ मुझे?
आदम, हसीन नींद मिलेगी कहाँ मुझे?

फिर क्यों ना ज़िंदगानी को तुर्बत पे वार दूँ?
दोज़ख़ को चाहता हूँ कि जन्नत पे वार दूँ
सूरज की हर किरण तेरी सूरत पे वार दूँ
दोज़ख़ को चाहता हूँ कि जन्नत पे वार दूँ



Credits
Writer(s): Manhar, Sheikh Adam Aboowala
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link