Manchali

मैं हूँ जोगन, मैं फ़क़ीरन, मैं ही पुरवाई
तेरे दर पे मैं आई
ओ, मैं हूँ जोगन, मैं फ़क़ीरन, मैं ही पुरवाई
तेरे दर पे मैं आई

तुझपे फ़िदा, जग से जुदा, तेरे अश्कों में ढूँढूँ ख़ुदा
तुझपे निहाल, तू ही गुलाल, तुझ ही हुई मैं लाल-लाल
तुझपे फ़िदा, जग से जुदा, तेरे अश्कों में ढूँढूँ ख़ुदा
तुझपे निहाल, तू ही गुलाल, तुझ ही हुई मैं लाल-लाल

तुम जो मेरे दिल में बसे हो
तुम जो मेरे दिल में बसे हो

तुझपे फ़िदा, जग से जुदा, तेरे अश्कों में ढूँढूँ ख़ुदा
तुझपे निहाल, तू ही गुलाल, तुझ ही हुई मैं लाल-लाल
अब मैं चली तेरी गली, मोहब्बत में तेरी पली
मैं आग-आग, मुझमें है जाग, हर सुर, हर ताल, हर एक राग में

तुम जो मेरे दिल में बसे हो
तुम जो मेरे दिल में बसे हो

मनचली, मैं चली
तेरी गली मैं चली

खिल उठी है पवन, झूम रहा है सावन
लागी कैसी लगन तुझसे
गुनगुनाता गगन, धुँधलाती किरण
हुए हैं ये मगन तुझसे

तुझपे फ़िदा, जग से जुदा, तेरे अश्कों में ढूँढूँ ख़ुदा
तुझपे निहाल, तू ही गुलाल, तुझ ही हुई मैं लाल-लाल
अब मैं चली तेरी गली, मोहब्बत में तेरी पली
मैं आग-आग, मुझमें है जाग, हर सुर, हर ताल, हर एक राग में

तुम जो मेरे दिल में बसे हो
तुम जो मेरे दिल में बसे हो
तुम जो मेरे दिल में बसे हो
तुम जो मेरे दिल में बसे हो

मनचली (तुम जो मेरे दिल में बसे हो)
मनचली (तुम जो मेरे दिल में बसे हो)
मैं चली (तुम जो मेरे दिल में बसे हो)
मैं चली (तुम जो मेरे दिल में बसे हो)



Credits
Writer(s): Soumik Sen
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link