Dil Ki Chot Ko

दिल की चोट को ताज़ा रखना कितना मुश्क़िल है
दिल की चोट को ताज़ा रखना कितना मुश्क़िल है
धूप में एक आईना रखना कितना मुश्क़िल है
दिल की चोट को ताज़ा रखना कितना मुश्क़िल है

अब हम समझे अंदर-अंदर शोर ये कैसा है
अब हम समझे अंदर-अंदर शोर ये कैसा है
अब हम समझे अंदर-अंदर शोर ये कैसा है

भीड़ में ख़ुद को तनहा रखना कितना मुश्क़िल है
भीड़ में ख़ुद को तनहा रखना कितना मुश्क़िल है
धूप में एक आईना रखना कितना मुश्क़िल है

दिल की चोट को ताज़ा रखना कितना मुश्क़िल है

लम्हा-लम्हा मर कर जीने वालों से पूछो
लम्हा-लम्हा मर कर जीने वालों से पूछो
लम्हा-लम्हा मर कर जीने वालों से पूछो

अपने आप को ज़िंदा रखना कितना मुश्क़िल है
अपने आप को ज़िंदा रखना कितना मुश्क़िल है
धूप में एक आईना रखना कितना मुश्क़िल है

दिल की चोट को ताज़ा रखना कितना मुश्क़िल है

माना सबसे झुक कर मिलना फ़न है जीने का
माना सबसे झुक कर मिलना फ़न है जीने का
माना सबसे झुक कर मिलना फ़न है जीने का

लेकिन सब से रिश्ता रखना कितना मुश्क़िल है
लेकिन सब से रिश्ता रखना कितना मुश्क़िल है
धूप में एक आईना रखना कितना मुश्क़िल है

दिल की चोट को ताज़ा रखना कितना मुश्क़िल है
दिल की चोट को ताज़ा रखना कितना मुश्क़िल है



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas, Zameer Kazmi, Manhar Udhas, Nirmal Udhas
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