Saare Jahan Se

सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा
(सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा)
हो, हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलसितां हमारा
(सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा)

परबत है इसके ऊँचे, प्यारी है इसकी नदिया
(परबत है इसके ऊँचे, प्यारी है इसकी नदिया)
आकाश में इसीके गुजरी हजारो सदियाँ
गुजरी हजारो सदियाँ
हसता है बिजलियों पर ये आशियाँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलसितां हमारा
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा

वीरान कर दिया था आंधी ने इस चमन को
(वीरान कर दिया था आंधी ने इस चमन को)
देकर लहू बचाया गांधी ने इस चमन को
गांधी ने इस चमन को
रक्षा करेगा इसकी हर नौजवान हमारा
(हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलिसताँ हमारा)
(सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा)



Credits
Writer(s): Muhammad Iqbal, John Stewart
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